उज्जैन; जेल में 147 महिला-पुरुष बंदियों ने पूर्वजों के निमित्त किया तर्पण कार्य!
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन की केंद्रीय जेल का माहौल भी धार्मिक ही रहता है। पितृपक्ष के दौरान केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में कैदी अपने पितरों के लिए श्राद्ध और पिंडदान करते दिखे। जेल में सामूहिक श्राद्ध, तर्पण व पिंडदान का कार्यक्रम आयोजित कराया गया। बड़ी संख्या में महिला-पुरुष कैदियों ने पितरों के प्रति सम्मान प्रकट किया।
पं. श्याम गुरु पंचोली ने बताया कि बंदियों को उनके दिवंगत परिजनों के लिए सामूहिक तर्पण व पिंडदान कराया गया। जेल अधीक्षक की पहल पर जेल के सांस्कृतिक भवन में 109 पुरुष व 38 महिला बंदियों ने अपने पूर्वजों की आत्मशांति व मोक्ष के लिए विधि-विधान से श्राद्ध तर्पण व पिंडदान किया। इस दौरान जेल अधीक्षक व कर्मचारी मौजूद थे।
पंडित श्याम गुरु ने बताया कि हमारे पितरों को प्रेत योनि से मुक्ति मिले जिसके लिए पिंड व तर्पण किया जाता है इससे पितृ की आत्मा को शांति व मोक्ष मिलता है। जैसे आज से चतुर्थी का बड़ा महत्व रहता है। दूध, जल, श्रेवत, अर्पण करने से हमारे पितृ प्रसन्न होते हैं, घर परिवार, धन, दौलत, मे उन्नति की प्रप्ति होती है और सारी परेशानी व दुख दूर होते है। इसलिए श्राद्ध पक्ष में तर्पण किया जाता है। जेल अधीक्षक मनोज कुमार साहू ने बताया कि जेल के बंदियों को समस्त धार्मिक प्रक्रियाओं में शामिल होने का मौका दिया जाता है। तर्पण कर्म का पूजन भी इसी के तहत किया गया है। पूजन में शामिल बंदियों में कुछ ऐसे भी हैं, जिन्होंने भूलवश किसी की हत्या कर दी और अब वे पश्चाताप वश मृत आत्मा की शांति के लिए तर्पण कर रहे हैं।