उज्जैन; सांप पकड़ने गए वन्य जीव विशेषज्ञ को मिला दुर्लभ इंडियन पेंटेड फ्रॉग!
मध्य प्रदेश के उज्जैन से बेहद अनोखी खबर सामने आ रही है. यहां दुर्लभ इंडियन पेंटेड मेंढक मिला है. जो शहर भर में कोतुहल का विषय बना हुआ है. दरअसल वन्य जीव विशेषज्ञों ने एक दुर्लभ इंडियन पेंटेड मेंढक को खोजा है, जो अब तक मालवा क्षेत्र में कभी नहीं देखा गया था. इस दुर्लभ मेंढक को उज्जैन के वन मंडल क्वार्टर के बाहर से पकड़ा गया, जहां एक सांप पकड़ने के लिए विशेषज्ञों को बुलाया गया था.
अधिक वर्षा वाले इलाकों में पाया जाता है मेंढक
वन्य जीव विशेषज्ञ विवेक पगारे ने बताया कि मंगलवार को सांप पकड़ने के दौरान उन्होंने इस अनोखे मेंढक को देखा. उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को दी, जिसके बाद इस मेंढक को सुरक्षित रूप से वन विभाग की नर्सरी में छोड़ा गया है. पगारे ने बताया कि यह मेंढक सामान्यत: दक्षिण भारत के अधिक वर्षा वाले इलाकों और घने जंगलों, जैसे कि कान्हा किसली और सतपुड़ा के जंगलों में पाया जाता है. मालवा के सूखे क्षेत्र में इसका मिलना दुर्लभ घटना है. इससे पहले मध्य प्रदेश के रीवा क्षेत्र में इसे देखा गया था, लेकिन उज्जैन में यह पहली बार देखा गया है.
बता दें इंडियन पेंटेड मेंढक आमतौर पर जमीन में गड्ढा खोदकर रहता है और केवल अच्छी हवा और पानी वाले क्षेत्रों में ही पाया जाता है. इंडियन पेंटेड मेंढक का वैज्ञानिक नाम यूपेरोडोन टैप्रोबैनिकस है. यह संकीर्ण मुंह वाले मेंढक की एक प्रजाति है जो माइक्रोहिलिडे परिवार का हिस्सा है. इसे श्रीलंकाई बुलफ्रॉग, श्रीलंकाई चित्रित मेंढक, श्रीलंकाई कलौला, सीलोन कलौला, भारतीय चित्रित मेंढक, या चित्रित गोलाकार मेंढक के रूप में भी जाना जाता है. यह मेंढक श्रीलंका, नेपाल, बांग्लादेश, दक्षिणी और पूर्वी भारत में पाया जाता है. इस खोज ने क्षेत्र के वन्य जीवन विशेषज्ञों के बीच उत्सुकता बढ़ा दी है.