MP; हाथियों की रहस्यमयी मौत से हड़कंप; CM मोहन यादव ने आपात बैठक बुलाई!
मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत का सिलसिला जारी है. अबतक 10 हाथियों की मौत हो चुकी है. इसके बाद हड़कंप मच गया है, अब जांच एजेंसियां हाथियों के मरने की वजह पता लगाने में जुटी हुई हैं.
वहीं हाथियों की मौत को लेकर सीएम डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार रात को एक आपातकालीन बैठक बुलाई. उच्च स्तरीय जांच दल बांधवगढ़ भेजकर 24 घंटे में जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है. बांधवगढ़ नेशनल पार्क में बीते दिनों में अबतक 10 हाथियों की मौत हो चुकी है. इस केस में तरह-तरह के आरोप लग रहे हैं. इस मामले में शुक्रवार को सीएम डॉ. यादव ने एक बैठक भी की. बैठक में उन्होंने घटना के सभी पहलुओं की जानकारी को लेकर उच्च स्तरीय दल भेजने के निर्देश दिए.
वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार और दो वरिष्ठ अधिकारी अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल और राज्य वन बल प्रमुख पीसीसीएफ असीम श्रीवास्तव उमरिया बांधवगढ़ जाने वाले हैं. यह दल 24 घंटे में रिपोर्ट सौंपेगा. दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी. मुख्य सचिव अनुराग जैन वर्चुअली बैठक में शामिल हुए.
मुख्यमंत्री डॉ.यादव को बैठक में बताया गया कि विशेषज्ञों का कहना है कि हाथियों की मृत्यु के जुड़ी जांच रिपोर्ट आने में चार दिन लग जाएंगे. इस अवधि में घटना से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर जांच की जाएगी. अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव एल.कृष्णमूर्ति के अनुसार, 29 अक्टूबर की दोपहर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के खितौली और पतौर रेंज में 13 हाथियों के झुंड में से कुछ हाथियों के अस्वस्थ होने की सूचना मिली थी. कान्हा और पेंच टाइगर रिजर्व के वन्य-जीव स्वास्थ्य अधिकारी की ओर से सभी हाथियों की जांच की गई. अस्वस्थ हाथियों का उपचार किया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व यानी BTR में जहरीला पदार्थ खाने से तीन और जंगली हाथियों की मौत हो गई है जिससे इस सप्ताह अब तक मरने वालों की संख्या 10 हो गई है. बताया जा रहा है कि हाथियों का ये झुंड बाजारे के खेत में गया था. वहां बाजारा खाया था. इस इलाके में पुराने और बुजुर्ग किसान परंपरागत मोटे अनाज की खेती करते रहे हैं. उनका मानना है कि बाजरा की फसल में अगर नाग-नागिन का जोड़ा मेटिंग पीरियड में खेत में लोट जाय या घूम जाय तो उतने एरिया की फसल जहरीली हो जाती है.