MP; मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 450 दिव्यांगजनों को बांटे लेपटॉप और अन्य उपकरण!

मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ग्रामीण हाट बाजार में आयोजित कार्यक्रम में 450 से अधिक दिव्यांगजनों को लैपटॉप, मोट्रेट ट्राईसिकल सहित अन्य सहायक उपकरणों का वितरण किया। इस दौरान सीएम मोहन यादव ने कहा की कई कार्यक्रम में जाने का मौका मिलता है। लेकिन ऐसे कार्यक्रम में जाने से मन खुश हो जाता है। पुण्य पाने के लिए मृत्यु लोक में हमारा जन्म होता है, लेकिन यहाँ काम करने के लिए हमारे दिव्यांग जनो को भी पूरा मौका मिलना चाहिए।

सीएम ने कहा की हमारे लिए तो अभी अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के लिए खुश होने का समय है,रामभद्राचार्य जी को अभी भी सारे अध्याय याद हैं, सीएम ने इंदौर प्रशासन को बधाई देते हुए कहा की उन्होंने इतना अच्छा मौका उपलब्ध करवाया, हमने अपने आरक्षण में भी इस बात की गुंजाईश रखी है की 33 प्रतिशत आरक्षण बहनों के लिए है। सभी प्रकार की नोकरियो में आपके हितो का ध्यान रखते हुए सरकार सब प्रकार का प्रोत्साहन देगी।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सरकार दिव्यांगजनों के सामान्य जीवन यापन के लिये हर तरह की मदद के लिये तत्पर है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि क्षेत्र में इन वर्गों के लोगों ने सदैव ही अपना परचम लहराया है। इतिहास के प्रसिद्ध शास्त्रार्थी अष्टावक्र, सूरदास, संगीतकार रविन्द्र जैन हों या संत रामभद्राचार्य, सभी ने दिव्यांगता को धता बता अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार दिव्यांगजनों को अवसर प्रदान करने के लिये संकल्पित हैं।

उन्होंने कहा यह प्रसन्नता का विषय है कि शासकीय सेवा में आने वाले दिव्यांगजन पूरी दक्षता के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक संभागीय कमिश्नर जो दिव्यांग होने के बाद भी पिछले 6 माह से अपने दायित्वों का उत्कृष्टतापूर्वक निर्वहन कर रहे हैं। सरकार दिव्यांगों के सर्वांगीण विकास के लिये प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण वितरण का मौका दिये जाने पर ईश्वर को धन्यवाद देते हुए कहा कि जीवन का नाम ही संघर्ष है। इस संघर्ष में विजयी होने के लिये सरकार सदैव ही दिव्यांगजनों के साथ खड़ी है। उन्होंने दिव्यांगों और महिलाओं के लिये शासकीय सेवा में आरक्षण नियमों पर भी जिक्र किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव कहा कि पूरे देश में मध्यप्रदेश एक मात्र ऐसा राज्य है, जिसने महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया है। इसके अलावा आजीविका के लिये प्रोत्साहन और मदद का भरोसा दिलाया।