MP; 19 करोड़ की कुर्की को लेकर विवाद, हाईकोर्ट वकील से भिड़ी महिला अधिकारी!
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश पर एक टीम स्वास्थ्य निदेशक के ऑफिस को कुर्क करने आई थी। यह ऑफिस जेपी अस्पताल के अंदर है। कुर्की के लिए आई टीम ने ऑफिस से सामान निकालना शुरू कर दिया। इस दौरान वहां मौजूद एडिशनल डायरेक्टर भड़क गईं और उन्होंने कुर्की के लिए आई अधिकारियों को खदेड़ दिया। साथ ही कहा कि यहां कोई निदेशक का पद ही नहीं है। इसके साथ ही यह मामला भी हमारे विभाग से नहीं जुड़ा है।
ये है पूरा मामला
दरअसल, स्वास्थ्य विभाग ने 2013 में 50.70 लाख रुपए की कीटनाशक दवाइयां खरीदी थी। दवाइयों की खरीदी के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इसका भुगतान नहीं किया थाा भुगतान को लेकर कंपनी ने कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इसे लेकर हाईकोर्ट 19.34 करोड़ रुपए की वसूली का आदेश दिया था। वसूली के लिए कोर्ट ने स्वास्थ्य संचानलाय के निदेशक के ऑफिस को कुर्क करने को कहा था। इसी आदेश का पालन कराने के लिए वकील और कर्मचारी यहां आए थे।
हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश को पालन करने के लिए टीम स्वास्थ्य संचालनालय के ऑफिस में पहुंची। साथ ही वहां से सामान निकालने लगी। इसे लेकर डायरेक्टर हेल्थ ने कहा कि यहां स्वास्थ्य निदेशक का कोई पद नहीं है। यह मामला भी हमारे यहां से जुड़ा नहीं है। हम कोर्ट में इसे लेकर लिखित पक्ष रख देंगे।
भड़क गईं एडिशनल डायरेक्टर वंदना खरे
सामान ले जा रही टीम से एडिशनल डायरेक्टर वंदना खरे भिड़ गईं। उन्होंने टीम से पूछा कि बिना अनुमति कैसे अंदर आए, आप बाहर निकलिए। वंदना खरे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कुर्की के लिए टीम बिना अनुमति के दफ्तर में घुसी थी। इसी दौरान विवाद की स्थिति बन गई। वकील और अन्य कर्मचारियों को उन्होंने ऑफिस से निकाल दिया।
ये है स्वास्थ्य विभाग का तर्क
वहीं, इस पूरे विवाद में स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि 2012-13 में कीटनाशक की खरीद हुई थी। लैब टेस्टिंग में यह अमानक पाया गया। इसी वजह से पेमेंट को रोक दिया गया। कंपनी ने इसी को लेकर कोलकाता हाईकोर्ट में केस किया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट भी कंपनी गई लेकिन सभी जगह से स्वास्थ्य विभाग को भुगतान करने को कहा गया।
ब्याज सहित भुगतान करने के निर्देश
वहीं, कंपनी की तरफ से आए वकील ने कहा कि भुगतान 50.70 लाख रुपए का करना था। हाईकोर्ट ने ब्याज समेत इसे लौटाने के निर्देश दिए थे। हमलोग कोर्ट के आदेश पर ही कुर्की के लिए आए थे लेकिन यहां अधिकारियों का व्यवहार अच्छा नहीं रहा है। आगे की कार्रवाई के लिए हम अतिरिक्त फोर्स मांगेंगे।