MP/इंदौर; वनमंडलाधिकारी ने फांसी लगाकर की आत्महत्या!

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इंदौर के वनमंडलाधिकारी महेंद्र सिंह सोलंकी ने शुक्रवार को फांसी लगा ली। आत्महत्या का कारण फिलहाल पता नहीं चला। वे सरकारी बंगले में दोपहर मेें आए थे और अपने कमरे में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के कारणों का अभी तक स्पष्ट पता नहीं चल पाया है, लेकिन प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, पारिवारिक तनाव इस दुखद कदम की वजह हो सकता है। बैठक से लौटने के बाद उन्होंने नवरत्नबाग स्थित अपने निवास पर यह कदम उठाया।

आत्महत्या की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पुलिस पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए एमवाय अस्पताल भेजा। उनके कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। पुलिस ने उनका मोबाइल फोन भी जांच के लिए जब्त किया हैै।

परिवार के लोग भी सदमे में है। सोलंकी ने कभी अपने परिजनों से भी किसी तरह के तनाव का कभी जिक्र नहीं किया। अगले वर्ष वे सेवानिवृत होने वाले थे। आत्महत्या की खबर मिलने के बाद वन विभाग के अफसर भी मौके पर पहुंचे।

डीएफओ सोलंकी दोपहर में संभागायुक्त कार्यालय में आयोजित बैठक में जाने वालेे थे, लेकिन खराब तबीयत का हवाला देकर वे बैठक में नहीं गए। वे नवरतनबाग स्थित सरकारी आवास पर थे। सोलंकी दो साल पहलेे इंदौर में पदस्थ हुए थे।

पत्नी बेटियों के साथ खरगोन गई थी

दोपहर में जब सोलंकी बंगले पर पहुंचे तो पत्नी अपनी दोनो बेटियों के साथ खरगोन गई थी। वे वहां एक पूजा में शामिल होने गई थी। माता-पिता नीचे के कमरे में थे और सोलंकी पहली मंजिल के कमरे में गए थे। शाम को चाय के लिए पिता ने नौकर को कमरे में भेजा तो सोलंकी ने दरवाजा नहीं खोला था। देर तक दरवाजा नहीं खोले जाने पर खिड़की से कमरे में नौकर ने झांका तो वह दंग रह गया।सोलंकी फंदे पर लटके हुए थे। सोलंकी मूलत: खरगोन के है।  उनकी एक बेटी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है।