‘पीथमपुर में अभी नहीं जलेगा यूनियन कार्बाइड का कचरा’, बवाल के बाद CM मोहन यादव का बड़ा फैसला!

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मध्य प्रदेश में भोपाल गैस कांड के 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड कारखाने का 337 टन जहरीला कचरा गुरुवार की सुबह पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया की वेस्ट डिपोजिट यूनिट में भेजा गया. यूनियन कार्बाइड कारखाने का जहरीला कचरा पीथमपुर आने के बीच स्थानीय नागरिकों ने शुक्रवार को दिन भर विरोध प्रदर्शन और चक्काजाम किया. साथ ही दो लोगों ने आत्मदाह की कोशिश भी की.

इसके बाद सीएम मोहन यादव ने देर रात एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, चीफ सेक्रेटरी अनुराग जैन, एडवोकेट जनरल और लॉ सेक्रेटरी मौजूज थे. इस बैठक के बाद मोहन यादव ने कहा, “राज्य सरकार जनता के हितों और सुरक्षा को प्राथमिकता देती है, इसलिए यह फैसला लिया गया है कि जनता के भावनाओं को कोर्ट के सामने रखा जाएगा. साथ ही कोर्ट का आदेश आने तक पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा नहीं जलाया जाएगा.”

1984 में हुआ था भोपाल गैस कांड

बता दें भोपाल में 2 और 3 दिसंबर 1984 की दरमियानी रात यूनियन कार्बाइड कारखाने से अत्यधिक जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का रिसाव हुआ था. गैस के रिसाव की वजह से कम से कम 5479 लोग मारे गए थे और हजारों लोग अपंग हो गए थे. भोपाल गैस कांड को दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक आपदाओं में से एक माना जाता है.

एमपी हाई कोर्ट ने 3 दिसंबर को इस कारखाने के जहरीले कचरे को हटाने के लिए चार हफ्ते की समय-सीमा तय की थी और सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर उसके निर्देश का पालन नहीं किया गया, तो अवमानना की कार्यवाही की जाएगी.