MP; लंबित मांगों के लिए डॉक्टर्स ने शुरू की हड़ताल, स्वास्थ्य सेवाएं होंगी प्रभावित!

राजधानी समेत प्रदेश भर के 15 हजार से अधिक चिकित्सकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर गुरुवार से आक्रोश आंदोलन का आगाज कर दिया है। चिकित्सक महासंघ के नेतृत्व चिकित्सकों ने अस्पताल में काली पट्टी बांधकर काम अपना विरोध जताया। हमीदिया अस्पताल में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि प्रदेश में अफसरशाही हावी है।
25 फरवरी से हड़ताल
कैबिनेट की मंजूरी के बाद भी डॉक्टरों को सातवें वेतनमान और डीएसीपी का लाभ नहीं मिल रहा है। हमने इस संबंध में कई बार सरकार को पत्र भी लिखा। सरकार को बताया कि कैबिनेट से पारित होने के बाद भी हमें सातवां वेतनमान सहित अन्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं, इसलिए विवश होकर आंदोलन करना पड़ रहा है। इस आंदोलन में मप्र के सभी सरकारी चिकित्सक शामिल हैं। अपनी मांगों को लेकर एकजुट हुए डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर 24 फरवरी तक उनकी मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो वह 25 फरवरी से कामबंद हड़ताल पर चले जाएंगे।
आज जलाएंगे नकली दवाइयों की होली
काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे डॉक्टरों का कहना है कि हमारा यह आंदोलन सिर्फ व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं है, बल्कि हम सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाएं भी सुधारना चाहते हैं। कई मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों में नकली दवाओं की सप्लाई का मामला सामने आया है। भ्रष्टाचार के चलते सरकारी अस्पतालों में अमानक दवाओं की सप्लाई हो रही है। यदि इसे नहीं रोका गया तो मरीजों को नुकसान होगा। इसलिए आंदोलन के दूसरे दिन शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान भोपाल सहित पूरे मप्र में अमानक दवाईयों की होली जलाई जाएगी।
समर्थन में आया जूडा
चिकित्सकों के आंदोलन को मप्र के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने समर्थन दिया है। गुरुवार को जूडा ने भी काली पट्टी बांधकर काम किया। यदि 25 फरवरी तक सरकार ने चिकित्सकों की मांगें नहीं मानी तो प्रदेश में हड़ताल शुरू हो सकती है। इसमें जूडा भी हड़ताल पर चला जाएगा। जिससे मप्र के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं ठप होने की आशंका है।
