पुलिसकर्मियों का सांसद-विधायकों को सैल्यूट करना वर्दी का अपमान – जीतू पटवारी

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मध्यप्रदेश के डीजीपी कैलाश मकवाना ने शुक्रवार को निर्देश जारी किए थे कि पुलिस अफसरों और कर्मचारियों को सांसद-विधायकों को सैल्यूट करना होगा। जिसको लेकर प्रदेश में राजनीति गरमा गई है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि जिस दिन यह आदेश मंजूर किया गया। उसी दिन प्रदेश की वर्दी को राजनीतिक गुलामी में धकेल दिया गया। उन्होंने सरकार से इस तरह का आदेश वापस लेने की मांग की है।

पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने शनिवार को एक्स पर एक वीडियो जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि जिस समय राज्य की कानून व्यवस्था रसातल में पहुंच चुकी हो, पुलिस खुद अपराधियों के निशाने पर हो, ऐसे समय में राज्य सरकार पुलिस को न्याय दिलाने की बजाय सत्ता के प्रतीकों के सामने झुकने का फरमान सुना रही है। यह आदेश जनतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों और संविधान की आत्मा जनता सर्वोच्च है का भी अपमान है। पटवारी ने कहा कि प्रदेशभर में रेत, शराब, भू-माफिया और ट्रांसपोर्ट सिंडिकेट खुलेआम पुलिस को चुनौती दे रहे हैं।

अपराध में मध्य प्रदेश टॉप पर- जीतू पटवारी

पिछले 6 महीने में पुलिस पर हमले की दर्जनों घटनाएं, थानों पर हमले, जवानों को पीटना, राजनीतिक संरक्षण में अपराधियों को बचाना जैसी अनेक घटनाओं ने पुलिस की साख पर सवाल खड़े किए हैं। एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं, बच्चों और दलितों के खिलाफ अपराध में मध्य प्रदेश टॉप पर है।

सरकार वर्दी को दे सम्मान

आगे पटवारी ने निशाना साधते हुए कहा कि मोहन सरकार वर्दी को सम्मान और संसाधन दे। एक ओर पुलिस अपराधियों से लड़ रही है, तो दूसरी तरफ भाजपा नेताओं के दबाव से जूझ रही है। और अब यह आदेश उन्हें और भी कमजोर, झुका हुआ और भयभीत बना सकता है। पुलिस की निडर और निष्पक्ष कार्यप्रणाली में सत्ता दल के नेताओं का दखल बढ़ सकता है।