भोपाल कलेक्टर की बड़ी कार्रवाई; 59 रेस्टोरेंट-होटल, बार सील, दस्तावेजों में खामियां मिलने पर लाइसेंस सस्पेंड!

भोपाल में अवैध शराब कारोबार और लाइसेंस संबंधी अनियमितताओं पर शिकंजा कसते हुए आबकारी विभाग ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई की। इस कार्रवाई में 59 बारों और होटलों के लाइसेंस सस्पेंड कर दिए गए, वहीं 38 पेटी से अधिक अवैध शराब जब्त की गई है। इस सख्त कार्रवाई से बार और होटल संचालकों में हड़कंप मच गया है।
भोपाल कलेक्टर की बड़ी कार्रवाई
भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के निर्देश पर की गई इस कार्रवाई में जिन प्रतिष्ठानों पर शिकंजा कसा गया है, उनमें शहर के प्रमुख और नामी बार एवं रेस्टोरेंट भी शामिल हैं। इन संस्थानों में आबकारी नियमों के उल्लंघन, लाइसेंस दस्तावेजों में खामियां, और निर्धारित समयसीमा में प्रमाणपत्र जमा न करने जैसे गंभीर आरोप पाए गए हैं। जिन बार और रेस्टोरेंट्स के लाइसेंस निलंबित किए गए हैं, उनमें 10 डाउनिंग स्ट्रीट, बाररिल्स एंड रेस्टोरेंट, बॉजी बाय, फर्जी कैफे, माय बार हेडक्वार्टर, सोशल लाइट सेवल और अर्बन आर एंड रेस्ट्रो जैसे प्रतिष्ठान प्रमुख हैं। इसी तरह होटल बारों में आमेर ग्रींस, होटल सायाजी, होटल विश्वास, होटल प्रसीडेंट, होटल रणजीत, और भोजपुर क्लब जैसे होटल शामिल हैं, जिनके संचालन पर फिलहाल रोक लगा दी गई है।
ऑनलाइन जमा होने थे दस्तावेज
आबकारी विभाग की ओर से बताया गया कि वर्ष 2025-26 के लिए लाइसेंस नवीनीकरण प्रक्रिया के दौरान सभी बार मालिकों को जरूरी दस्तावेज ऑनलाइन जमा करने थे। इनमें बिजली सुरक्षा प्रमाणपत्र, अग्निशमन अनापत्ति पत्र और निर्माण स्वीकृति जैसी जरूरी कागजात शामिल थे। ऑनलाइन सत्यापन में यह सामने आया कि कई प्रतिष्ठानों ने या तो दस्तावेज अपलोड ही नहीं किए, या अपूर्ण जानकारी प्रस्तुत की।
बिना लाइसेंस परोसी जा रही थी शराब
इसके अलावा, कुछ बारों में छापेमारी के दौरान बिना लाइसेंस के शराब परोसने और रखने के प्रमाण मिले, जिसके चलते दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया। आबकारी विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए की गई है और किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि आगे भी इसी प्रकार की छापेमारी और निगरानी जारी रहेगी। विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि शराब बिक्री से जुड़ी सभी गतिविधियां कानूनी दायरे में रहें और कोई भी संस्थान निर्धारित मानकों की अवहेलना न करे।
