उज्जैन में अधेड़ महिला से खुलेआम दुष्कर्म; लोग बनाते रहे विडियो!

महाकाल की नगरी उज्जैन में सड़क किनारे कचरा बीनने वाली महिला से बलात्कार का शर्मसार करने वाला मामला सामने आया। लोग महिला को बचाने की बजाय वीडियो बनाते रहे। वारदात का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने महिला को तलाशा और उसके बयान पर केस दर्ज किया।

गुरुवार शाम से सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक युवक अधेड़ महिला के साथ दुष्कर्म करता दिखाई दे रहा है। इस वीडियो के वायरल होते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए महिला के बयान लिए, मेडिकल करवाया और BNS की धारा 64 व धारा 353 में प्रकरण दर्ज करते हुए आरोपी को आधे घंटे में गिरफ्तार कर लिया और न्यायालय में पेश कर उसे जेल भी भेज दिया।

कोतवाली पुलिस ने आरोपी लोकेश मांझी निवासी राजीव नगर की पहचान कर गुरुवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से जेल भेज दिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इसे उज्जैन की कानून-व्यवस्था के माथे पर काला टीका बताया।

लोग बनाते रहे वीडियो

फुटपाथ पर एक युवक महिला के साथ खुलेआम दुष्कर्म करता रहा और लोग वहां से गुजरते रहे, कुछ वीडियो बनाने लगे। किसी ने महिला की मदद नहीं की। महिला मजदूर है और वो कोयला फाटक इलाके से गुज रही थी, तभी युवक ने उसे रोक लिया और फुटपाथ पर ले गया।

वीडियो वायरल करने वाले की भी तलाश

शर्मसार करने वाली इस वारदात का किसी ने वीडियो बना लिया। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई। पुलिस वीडियो वायरल करने वाले की भी तलाश कर रही है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के ट्वीट से मच रहा बवाल

इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ब्लू वीडियो शेयर कर राज्य सरकार पर निशाना साधा है उन्होंने अपने ट्वीट पर लिखा है कि धर्मनगरी उज्जैन एक बार फिर कलंकित हुई है ! इस बार भी काला टीका उज्जैन की कानून-व्यवस्था के माथे पर ही लगा है ! यह सोचकर ही स्तब्ध हुआ जा सकता है कि मध्यप्रदेश में अब दिनदहाड़े, खुली सड़क पर दुष्कर्म शुरू हो गए हैं। ऐसा तभी संभव है जब कानून और सरकार का असर पूरी तरह से खत्म हो जाए ! यदि मुख्यमंत्री के गृह नगर के यह हाल हैं, तो बाकी प्रदेश के हालात आसानी से समझ जा सकते हैं. दलित और आदिवासी महिलाओं के साथ लगातार हो रहे अत्याचार को भी महसूस किया जा सकता है! अब गृहमंत्री या मुख्यमंत्री नहीं, प्रदेश सरकार के एक-एक मंत्री से सवाल है ! शर्म से डूब मरो या कुर्सी छोड़ दो !

बेशर्मी से भरी इस निर्लज्ज व्यवस्था के खून में आखिर उबाल कब आएगा..?