अभियान 4.0 में जनभागीदारी पर जोर; रेलवे बोर्ड ने देश के सभी स्टेशनों पर स्वच्छता चौपाल लगाने के दिए निर्देश!

भोपाल : रेलवे प्रशासन द्वारा डिजिटलीकरण, स्वच्छता, समावेशिता और शिकायत निवारण पर ध्यान केंद्रित करते हुए विशेष अभियान 4.0 चलाया जा रहा है. इसके दूसरे चरण की शुरुआत 2 अक्टूबर से की गई है, जो 31 अक्टूबर 2024 तक चलेगा. शुक्रवार को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ सतीश कुमार ने इस अभियान की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि देश के सभी रेलवे स्टेशनों में स्वच्छता चौपाल लगाना सुनिश्चित करें. साथ ही इस अभियान की सतत निगरानी संबंधित जोन के जीएम द्वारा की जाए.

चौपाल के सुझाव से होगा सुधार

स्वच्छता चौपाल में जन प्रतिनिधियों, ग्राम पंचायत व शहरी निकाय के प्रतिनिधियों के साथ-साथ संबंधित क्षेत्र के प्रबुद्ध लोगों को आमंत्रित कर स्टेशन की स्वच्छता में बेहतरी हेतु सुझाव लिए जाएंगे. जिससे स्वच्छता अभियान में जन भागीदारी को सुनिश्चित किया जा सके. इस कार्यक्रम का उद्देश्य रेलवे स्टेशनों पर स्वच्छता चौपाल के माध्यम से समावेशिता को प्राथमिकता देते हुए कार्यस्थलों की स्वच्छता और वेस्ट टू वेल्थ की अवधारणा जैसे मुद्दों पर ध्यान देना है. और स्वच्छता व सुरक्षा के प्रति जागरूकता है. इसके तहत यात्रियों के साथ सीधा संवाद कर उन्हें साफ-सफाई, रेलवे सुरक्षा एवं रेलवे परिसर में उपलब्ध सुविधाओं के प्रति जागरूक किया जाएगा. साथ ही, यात्रियों व स्थानीय जनता से संबंधित सुविधाओं, समस्याओं के संबंध में जानकारी लेकर भारतीय रेल उनमें सुधार की ओर अग्रसर होगा.

4.0 अभियान के तहत होंगे ये काम

विशेष अभियान 4.0 के अंतर्गत दक्षता को बढ़ाते हुए संचालन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया जा रहा है, जिससे समय और लागत दोनों में कमी आएगी. डेटा प्रबंधन में सुधार के साथ, डेटा संग्रह, विश्लेषण और भंडारण की प्रक्रिया को बेहतर बनाया जा रहा है. डिजिटल प्लेटफार्मों के माध्यम से जानकारी और सेवाओं की सुलभता बढ़ाई जा रही है, जो नवाचार नए व्यावसायिक मॉडलों एवं सेवाओं को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध होंगे. इसके अतिरिक्त ऑटोमेशन से विभिन्न कार्यों में तेजी व कुशलता लाने में मदद मिलेगी.

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि रेल चौपाल यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा, जो यात्रियों को सुरक्षा एवं स्वच्छता से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर जागरूक करेगा. साथ ही, यह सामुदायिक संवाद का एक मंच प्रदान करता है, जहां यात्री अपनी समस्याएं और सुझाव सीधे रेलवे अधिकारियों से साझा कर सकते हैं. इससे समस्या समाधान की प्रक्रिया को भी त्वरित बनाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा, स्थानीय व्यापारियों एवं अन्य हितधारकों के बीच संवाद को बढ़ाते हुए नेटवर्किंग के अवसर निर्मित होंगे.