मध्यप्रदेश मे महंगाई भत्ता बढ़ाने पर सियासत शुरू, विपक्ष ने बढ़ाया दबाव!
मध्य प्रदेश में उपचुनाव की घोषणा के साथ ही राज्य के नियमित कर्मचारियों ने अपनी मांगों के लिए मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है. वे राज्य सरकार से केंद्र के समान महंगाई भत्ता देने की मांग कर रहे हैं.
कर्मचारियों का महंगाई भत्ता केंद्र के स्तर पर लाने की मांग जोर पकड़ने लगी है. नेता प्रतिपक्ष ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनकी लंबित मांगों पर ध्यान देने का आग्रह किया है. मध्य प्रदेश के 4 लाख से अधिक नियमित कर्मचारियों ने 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग उठाई है
केंद्र सरकार ने जनवरी में अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया था जबकि मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को वर्तमान में 46 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है. कर्मचारी संगठनों का कहना है कि केंद्र द्वारा 3% महंगाई भत्ता बढ़ाने के निर्णय के कारण राज्य के कर्मचारी 7% महंगाई भत्ते के मामले में पीछे रह गए हैं. उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से मांग की है कि प्रदेश के कर्मचारियों को जनवरी 2024 से 4% और जुलाई 2024 से 3% मिलाकर कुल 7% महंगाई भत्ता तत्काल प्रदान करने के आदेश जारी करें.
इस बीच कर्मचारियों की महंगाई भत्ते की मांग पर राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप भी शुरू हो गए है. भाजपा विधायक अमरीश शर्मा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी कर्मचारियों के नाम पर केवल सियासत कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में कर्मचारियों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है.
उन्होंने आश्वासन दिया कि मध्य प्रदेश में कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने वाली सरकार है और जल्द ही केंद्र के समान महंगाई भत्ता बढ़ाया जाएगा. शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के पास अब कोई मुद्दे नहीं बचे हैं इसलिए वे बेवजह इस मुद्दे को उछाल रही हैं.
केंद्र सरकार ने की 3 प्रतिशत DA बढ़ोतरी
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में डीए में 3 फीसदी वृद्धि पर मुहर लगी है. ऐसे में केंद्रीय कर्मचारियों को अक्टूबर की सैलरी बढ़कर मिलेगी. इसके साथ 3 महीने का एरियर भी मिलेगा. बता दें कि मौजूदा समय में केंद्र सरकार के लिए काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत है. कैबिनेट से 3 प्रतिशत बढ़ोतरी को मंजूरी के बाद यह बढ़कर 53 फीसदी हो जाएगा.