मध्यप्रदेश के पूर्व गृहमंत्री का निधन; राजनीतिक जगत में शोक की लहर!
मध्य प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता कैप्टन जयपाल सिंह का शनिवार सुबह 6 बजे उनके पन्ना स्थित निवास पर निधन हो गया। 80 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली, जिससे पन्ना और आसपास के क्षेत्रों में शोक की लहर फैल गई है। अपने लंबे राजनीतिक करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए प्रदेश के विकास में योगदान दिया।
कैप्टन जयपाल सिंह का जन्म 1944 में पन्ना में हुआ था। उन्होंने 1980 में कांग्रेस के टिकट पर पवई विधानसभा सीट से जीत हासिल की और 1985 में भी इसी सीट से विधायक बने। अर्जुन सिंह की सरकार में वह संसदीय सचिव रहे जबकि मोतीलाल बोरा की सरकार में उन्हें गृह मंत्रालय सहित 11 महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई। अपनी कार्यकुशलता और प्रशासनिक अनुभव के चलते वे बुंदेलखंड क्षेत्र के प्रमुख और एकमात्र मंत्री रहे, जिन्हें जनता का व्यापक समर्थन प्राप्त था।
राजनीतिक विशेषज्ञ मनीष मिश्रा ने बताया कि कैप्टन जयपाल सिंह पन्ना जिले के विकास के लिए प्रतिबद्ध थे। उनके प्रयासों से 1985 में पन्ना में जनसंपर्क कार्यालय की स्थापना हुई और वे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी सहयोगी माने जाते थे। कैप्टन जयपाल सिंह एक प्रशिक्षित पायलट भी थे, जिसके कारण उन्हें “कैप्टन” की उपाधि दी गई थी। राजनीति के अलावा उनका विमानन में भी गहरा अनुभव था और वे अपने प्रभावशाली व्यक्तित्व के लिए जाने जाते थे।
1980 और 1985 में पवई विधानसभा से लगातार जीतने के बाद, उन्होंने 1990 में पवई सीट छोड़कर पन्ना से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। हालांकि, यह निर्णय उनके लिए घाटे का सौदा साबित हुआ, और वे इस चुनाव में 16,000 वोटों से हार गए। 2003 में उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर पवई से चुनाव लड़ा, लेकिन मात्र 1,100 वोट ही प्राप्त कर सके। कैप्टन जयपाल सिंह के परिवार में एक पुत्र, जगतपाल सिंह उर्फ बॉबी राजा, और दो पुत्रियां हैं। उनके पिता स्वर्गीय दरियाब सिंह जेलर थे, जिन्होंने अपने बेटे को राजनीतिक और सामाजिक कार्यों की प्रेरणा दी।