MP में साइबर क्राइम पर लगेगी लगाम, प्रदेश के हर जिले में होगी साइबर डेस्क!

मध्य प्रदेश में साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब हर जिले में एक साइबर थाना और हर थाने में एक साइबर हेल्प डेस्क होगी। यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि इस साल जनवरी से अब तक 250 करोड़ रुपये की साइबर ठगी हो चुकी है। अभी तक सिर्फ भोपाल में ही एक साइबर थाना था, बाकी जिलों में साइबर क्राइम के मामले क्राइम ब्रांच में दर्ज होते थे।

साइबर हेल्प डेस्क बनाने का प्रस्ताव तो एक साल पहले ही आ गया था, लेकिन बजट नहीं होने की वजह से इस पर काम नहीं हो पाया था। अब राज्य साइबर मुख्यालय ने इसके लिए शासन से बजट की मांग की है और उम्मीद है कि जल्द ही यह सुविधा सभी जिलों में शुरू हो जाएगी।

पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि साइबर हेल्प डेस्क में एक पुलिसकर्मी को साइबर क्राइम की जांच के लिए ट्रेनिंग देकर तैनात किया जाएगा। यह पुलिसकर्मी लोगों की शिकायतें सुनेगा और जरूरत पड़ने पर उन्हें साइबर थाने भेजेगा।

साइबर क्राइम के मामलों में पिछले कुछ सालों में काफी तेजी आई है। पिछले पांच सालों में साइबर क्राइम की शिकायतें पांच हजार से बढ़कर तीन लाख से ज़्यादा हो गई हैं। साइबर पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक, इस साल जनवरी से अब तक 250 करोड़ रुपये की साइबर ठगी हो चुकी है।

साइबर पुलिस के मुताबिक, दूसरे देशों में बैठे लोग भी इस तरह के अपराध में शामिल हैं। साइबर थाने बनने से साइबर कानून के जानकार पुलिसकर्मी तैनात किए जा सकेंगे। इससे अपराध की घटनाओं पर कार्यवाई में तेजी आएगी। जांच से लेकर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल करने तक का काम समय पर और अच्छी तरह से हो सकेगा।

मध्य प्रदेश में साइबर अपराध के मामलों में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है, इसलिए हर जिले में एक अलग साइबर थाने की सख्त ज़रूरत है। उम्मीद है कि इससे साइबर अपराध पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी और लोग साइबर ठगी से बच सकेंगे।