उज्जैन, नर्मदापुरम और शहडोल में भी खुलेगी पुलिस की फोरेंसिक लैब!

प्रदेश के उज्जैन, नर्मदापुरम और शहडोल जिला मुख्यालय में भी फारेंसिक सैंपलों की जांच के लिए लैब शुरू करने का प्रस्ताव है। इनके शुरू होने से प्रदेश में फोरेंसिक सैंपलों की जांच की 10 लैब हो जाएंगी। इनके खुलने से लाभ यह होगा कि एक से डेढ़ वर्ष में जांच के लिए सैंपल लंबित नहीं रह जाएंगे।

देशभर में एक जुलाई से तीन कानूनों के नए स्वरूप में प्रभावी होने के बाद त्वरित न्याय देने का दावा किया गया है। इसमें विलंब का बड़ा कारण समय पर साक्ष्य प्रस्तुत नहीं हो पाना है। इनमें भी फोरेंसिक सैंपलों की जांच अहम होती है। प्रदेश की वर्तमान पांच लैब की क्षमता कम होने के कारण विभिन्न जिलों के 20 हजार से अधिक सैंपल जांच के लिए लैबों में रखे हुए हैं। जांचें जल्दी करने के लिए सरकार रीवा और रतलाम में भी फोरेंसिक लैब इसी माह से प्रारंभ करने की तैयारी में है।

बता दें अभी सागर, भोपाल, ग्वालियर, इंदौर और जबलपुर में फोरेंसिक सैंपलों की जांच के लिए लैब है। जबलपुर की लैब पिछले माह से ही प्रारंभ हुई है। बता दें कि फारेंसिक सैंपलों में लगभग 90 प्रतिशत विसरा के होते हैं, जिनकी जांच से यह पता चलता है कि कोई जहरीली चीज का अंश तो शरीर में नहीं मिला है। बता दें कि मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने मंगलवार को गृह विभाग की समीक्षा के दौरान सभी संभागों में फोरेंसिक लैब प्रारंभ करने के लिए कहा है। इस हिसाब से अब चंबल संभाग ही बच रहा है।