चीता परियोजना पर समन्वय के लिए मध्यप्रदेश-राजस्थान संयुक्त समिति का गठन!
मध्यप्रदेश से चीतों के पड़ोसी राज्य राजस्थान में भटकने की घटनाओं के मद्देनजर, दोनों राज्यों की एक संयुक्त गलियारा प्रबंधन समिति का गठन किया गया है, जो चीतों के संरक्षण के लिए काम करेगी। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
एक अधिकारी ने एक बयान में कहा कि समिति मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) और गांधी सागर अभयारण्य क्षेत्र से चीतों को भविष्य में स्थानांतरित करने के लिए उपयुक्त क्षेत्रों के विकास पर भी चर्चा करेगी और सुधार के उपायों की सिफारिश करेगी।
अधिकारी ने बताया कि चीता परियोजना के कॉरिडोर प्रबंधन के लिए मध्यप्रदेश और राजस्थान के अधिकारियों की एक संयुक्त समिति गठित की गई है। यह समिति चीतों की आवाजाही और संरक्षण के लिए कॉरिडोर के विकास और प्रबंधन के बारे में अध्ययन के लिए मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर चर्चा करेगी और उसे तैयार करेगी।
अधिकारी ने बताया कि इसमें कुनो से राजस्थान तक मौजूदा गलियारे से होकर गुजरने वाले चीतों के प्रबंधन के लिए निगरानी, गश्त और अन्य कार्यों में लगे अधिकारियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों की क्षमता निर्माण पर चर्चा की जाएगी। समिति दोनों राज्यों की सीमा से लगे क्षेत्रों जैसे राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य क्षेत्र, कुनो राष्ट्रीय उद्यान और रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान आदि में संयुक्त पर्यटन मार्गों की संभावनाओं का भी मूल्यांकन करेगी।
गौरतलब है इस साल मई में केएनपी से एक चीता राजस्थान के करोली जिले में भटक गया था और बाद में उसे वापस मप्र लाया गया। दिसंबर 2023 में एक चीता राजस्थान के बारां जिले में भटक गया था और बाद में उसे वापस केएनपी लाया गया।