उज्जैन; 66वां अखिल भारतीय कालिदास समारोह का हुआ शुभारंभ, उपराष्ट्रपति हुए शामिल!
भारत एक ऐसा अकेला देश है, जिसके पास 5000 वर्षों की सांस्कृतिक विरासत है। यह देश 2047 तक पूर्ण विकसित हो जाएगा, बस आप सभी अपने नागरिक दायित्व का निर्वहन करें और कुटुंब प्रबंधन का ध्यान रखें। यह बात भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 66वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह के शुभारंभ अवसर पर कही।
कालिदास संस्कृत अकादमी परिसर में हुए इस आयोजन में कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने की। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, पर्यटन एवं धार्मिक न्यास राज्य मंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी और कौशल विकास व रोजगार राज्यमंत्री तथा उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल बतौर विशिष्ट अतिथि के रुप में कार्यक्रम में शामिल होंगे। कार्यक्रम के सारस्वत अतिथि श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास अयोध्या के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविन्द देव गिरी महाराज शामिल रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत जन गण मन के साथ हुई, जिसके बाद अतिथियों का स्वागत सम्मान किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में उपराष्ट्रपति जयदीप धनकड़ में सभी को संबोधित करते हुए कहा कि यह बाबा महाकाल का आशीर्वाद ही है कि आज मैं अब आप सभी के सामने इस कार्यक्रम में मौजूद हूं। उज्जैन को मेरा कोटि-कोटि वंदन। उन्होंने कहा कि धार्मिक नगरी के इस ऐतिहासिक क्षण को मैं हर पल याद रखूंगा।
यह भगवान श्री कृष्ण की शिक्षस्थली है, विक्रमादित्य ने यहां ज्ञान प्राप्त किया और राजा भर्तृहरि को ज्ञान का प्रकाश प्राप्त हुआ। सम्राट विक्रमादित्य के शासनकाल में यह नगरी न्याय के रूप में जानी पहचानी जाती थी। मानव व प्रकृति के बीच एक अटूट रिश्ता है जो कि हमें महाकवि कालिदास की रचनाओं को पढ़ने से पता चलता है। पर्यावरण आज की जरूरत समस्या है, महाकवि कालिदास ने पर्यावरण संरक्षण पर अपनी कई रचनाओं के माध्यम से ध्यान आकर्षित करवाया है। ऐसे आयोजन के लिए मैं मध्य प्रदेश सरकार का भी धन्यवाद देना चाहूंगा।
उन्होंने कहा कि भारत के अलावा किसी के पास ऐसी सांस्कृतिक धरोहर नहीं है जो अपनी संस्कृति व सांस्कृतिक धरोहर को संभाल कर नहीं रखना उनका नाश हो जाता है। आप सभी भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। कुटुंब का ध्यान रखें और राष्ट्र के प्रति सदैव समर्पित रहे। वह दिन अब गुजर गए जब कोई कानून के शिकंजे में नहीं रहता था, अब कानून से ऊपर कोई नहीं है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास अयोध्या के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज ने संबोधित करते हुए कहा कि भारत को जानने के लिए महाकवि कालिदास को जानना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अपने ग्रंथों में जीवन दर्शन का मूल आधार बताया है। राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने महाकाल महाराज की जय के साथ अपने उद्बोधन की शुरुआत की और महाकवि कालिदास के साथ ही इस आयोजन के बारे में बताया।