उज्जैन; पिता की डांट से नाराज होकर घर से भागे बच्चे; पुलिस ने ट्रेन में पकड़े!

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टेस्ट में नंबर कम आने पर पिता ने उसे डांट दिया। यह बात उसे इतनी बुरी लगी कि घर से भागने का मन बना लिया। उसने अपने दोस्त को यह बात बताई और दोस्त ने उसकी परेशानी समझते हुए उसका साथ देने का फैसला किया। दोनों दोस्तों ने योजना बनाई और रेलवे स्टेशन पहुंचकर मुंबई जाने के लिए टिकट ले लिया।

रात स्टेशन पर बिताने के बाद वे अगले दिन मेढ़ा जाने की योजना बना रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।

परवाना नगर निवासी नैतिक पोरवाल और न्यू इंदिरा नगर निवासी मयंक वर्मा उत्कृष्ट स्कूल की कक्षा नौवीं के छात्र हैं। दो दिन पहले कोचिंग जाने के बहाने घर से निकले थे और वापस नहीं लौटे। उनके परिजनों ने नीलगंगा थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने काफी प्रयास किए, लेकिन उनका कोई पता नहीं चल सका।

ऐसे मिली जानकारी

भवानीमंडी के मेढ़ा में नैतिक के मामा और राजेश पोरवाल के साले को फोन आया। नैतिक ने मामा को बताया कि वह मुंबई में है और जल्द ही उनके पास आने वाला है। मामा को उसने यह भी कहा कि किसी को कुछ न बताएं। मामा ने तुरंत पुलिस को इस बारे में सूचना दी और फोन नंबर भी बता दिया।

पुलिस को दी गई तत्काल सूचना

मेढ़ा से फोन आने के बाद परिवार ने तुरंत पुलिस को सारी जानकारी दी। पुलिस ने उस नंबर पर कॉल किया जो मुंबई के बांद्रा में एक ऑटो चालक का निकला। ऑटो चालक ने बताया कि दो लड़के उसकी ऑटो में बैठे थे और अवध एक्सप्रेस से भवानीमंडी जाने की बात कर रहे थे।

पुलिस को यह जानकारी मिल चुकी थी कि दोनों बच्चे अवध एक्सप्रेस से भवानीमंडी जाने वाले हैं। पुलिस ने बच्चों के परिवार वालों को भी साथ लिया और नागदा पहुंचकर घेराबंदी कर दी। ट्रेन के रुकते ही पुलिस ने सामान्य कोच में जाकर देखा, जहां नैतिक और मयंक छिपे हुए मिले। दोनों को उज्जैन लाया गया और उनसे पूछताछ की गई। उन्होंने बताया कि वे घर से कुल तीन हजार रुपये लेकर निकले थे। पहले इंदौर गए और फिर वहां से मुंबई रवाना हुए। एक के पास एक हजार रुपये और दूसरे के पास दो हजार रुपये थे। मुंबई में रेलवे स्टेशन पर रात बिताई और मेढ़ा जाने की योजना बनाई।