दमोह में जनपद सीईओ 20 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार… उमरिया में सचिव ने मांगे 10,000 रुपए!

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मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई की है। जहां पंचायत सचिव को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि पंचायत सचिव ने जेसीबी मालिक से अमृत सरोवर में किए हुए काम के बिल भुगतान के एवज में रिश्वत मांगी थी।

शिकायतकर्ता अंकुर तिवारी ग्राम पंचायत माला द्वारा लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद लोकायुक्त ने शिकायत सही पाया और कार्रवाई करते हुए सचिव संतोष सोनी को बिल पास कराने की एवज में रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। फरियादी ने पांच हजार रिश्वत के तौर पर पूर्व में दिए थे। वहां 10 हजार की रिश्वत लेते आरोपी सचिव को ट्रैप किया है। इस मामले में लोकायुक्त की 12 सदस्यीय टीम ने कार्रवाई करते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की है। वहीं, मामले की विवेचना जारी है।

अपने ही ऑफिस में 20000 रुपये की रिश्वत ले रहे थे जनपद पंचायत

वहीँ दामोह में भी लोकायुक्त पुलिस ने जनपद पंचायत के सीईओ को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। रिश्वतखोर अधिकारी पर पुलिस टीम की कार्रवाई जारी है। लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक, जिले के पटेरा जनपद पंचायत सीईओ भूरा सिंह रावत के खिलाफ शिकायत मिली थी। ग्राम पंचायत कुटीर के सरपंच रामकुमार मिश्रा से गांव के निर्माण कार्यों के कमीशन के बदले भूरा सिंह ने 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। इसी को लेकर सरपंच ने सागर लोकायुक्त पुलिस के पास मामले की शिकायत की थी।

पुलिस का एक्शन

शिकायत के बाद लोकायुक्त टीम ने पंचायत सीईओ पर नजर रखते हुए मंगलवार को भूरा सिंह रावत को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। आरोपी पंचायत सीईओ पर रिश्वतखोरी के विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।

एमपी में लोकायुक्त का ताबड़तोड़ एक्शन

मध्य प्रदेश में बीते कुछ दिनों की ही अगर बात करें तो लोकायुक्त की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। 2024 में ही कम से कम 1000 करोड़ से ज्यादा की रकम भ्रष्टाचारियों से बरामद हो चुकी है। हाल ही में भोपाल में RTO कांस्टेबल सौरभ शर्मा के यहां लोकायुक्त और इनकम टैक्स वालों ने छापा मारा, जिसके बाद उसकी अकूत संपत्ति सामने आने से हड़कंप मच गया।