वक्फ विधेयक पर 13 घंटे लंबी चर्चा के राज्यसभा ने भी लगाई मुहर; पक्ष में पड़े 128 वोट विपक्ष में 95

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वक्फ संशोधन विधेयक-यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट एम्पावरमेंट एफिशिएंसी एंड डवलपमेंट (उम्मीद) पर 13 घंटे  की लंबी चर्चा के बाद बृहस्पतिवार देर रात 2:30 के बाद राज्यसभा ने भी अपनी मुहर लगा दी।बिल के पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े। इस दौरान, इसने बिल का विरोध करने वाले दलों की कमजोरी को उजागर कर दिया। इससे पहले, लोकसभा ने बुधवार रात करीब 1.56 बजे वक्फ संशोधन विधेयक बहुमत से पारित कर दिया। विधेयक के पक्ष में 288, जबकि विरोध में 232 मत पड़े। विधेयक पर लोकसभा में 12 घंटे से अधिक समय तक चर्चा हुई। विधेयक अब हस्ताक्षर के लिए राष्ट्रपति के पास जाएगा और सरकार की ओर से अधिसूचित होते ही कानून का रूप ले लेगा।

बिल पर करीब 13 घंटे तक चर्चा चली

राज्यसभा में इस बिल पर करीब 13 घंटे तक चर्चा चली। यह विधेयक लोकसभा में करीब 12 घंटे तक चली मैराथन बहस के बाद पारित हुआ था। अब विधेयक को कानून बनने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास उनकी मंजूरी के लिए भेजा जाना आवश्यक होगा।जेपी नड्डा ने वक्फ अधिनियम से निपटने के तरीके को लेकर कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया और आरोप लगाया कि कांग्रेस ने इस कानून को इस तरह से बनाया है जिससे कथित तौर पर भू-माफियाओं को मदद मिल रही है।

गुरुवार को उच्च सदन में बोलते हुए जेपी नड्डा ने वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों का जोरदार बचाव किया और राष्ट्रीय हितों की रक्षा और वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए सुधार की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया, जिससे गरीब मुसलमानों का कल्याण होना चाहिए।

ओम बिरला ने कही ये बात

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को कहा कि विधायी प्रारूपण किसी भी कानून की आत्मा है और उन्होंने कानून में स्पष्टता और सरलता पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कानून समाज और लोगों को लंबे समय तक प्रभावित करते हैं; उन्हें आम लोगों के लिए समझने में स्पष्ट और सरल होना चाहिए।