उज्जैन में क्राइम मूवी से सीखा तरीका, ई-केवाईसी के बहाने मजदूरों और अफसरों से की 10 लाख की ठगी!

उज्जैन में क्रेडिट कार्ड में काम करने वाले एक कर्मचारी ने ई-केवाईसी प्रक्रिया के दौरान दुकानदार, पी.डब्ल्यू.डी. कर्मचारी, शासकीय कन्या महाविद्यालय की कर्मचारी, मजदूर, ऑटो ड्राइवर और पुलिस अधिकारी सहित कई लोगों से 10 लाख रुपए की ठगी की। आरोपी ने OTT पर क्राइम मूवी देखकर लोगों के साथ ठगी की घटना को अंजाम दिया।
खास बात ये है कि किसी भी फरियादी के पास ना ओटीपी आया और ना कोई ऐप इंस्टाल किया। इसके बाद भी आरोपी ने सभी के क्रेडिट कार्ड से लाखों रुपए की ठगी कर दी। उन्होंने इस तरह से ठगी करना OTT पर क्राइम मूवी देखकर सीखा है।
राज्य सायबर सेल की पुलिस अधीक्षक सव्यसांची सर्राफ ने बताया कि बजाज फिनसर्व के अधिकारी सौरभ धाकड़ ने आवेदन दिया था कि उनके कार्यालय में आरबीएल केडिट कार्ड धारकों द्वारा उनकी बिना किसी जानकारी के कार्ड से अवैध ट्रांजेक्शन होने के संबंध में लगातार शिकायतें की जा रही हैं। कार्ड धारकों के पास न कोई कॉल आया न उन्होंने किसी को वन टाइम पासवर्ड बताया और कोई रिमोट एप्लिकेशन भी इंस्टाल नहीं किया जा रहा है। शिकायत पर राज्य सायबर सेल ने जांच की तो बजाज आरबीएल केडिट कार्ड की केवायसी करने वाला कर्मचारी यांशु शर्मा निवासी शास्त्री नगर की भूमिका संदेहास्पद मिली।
राज्य साइबर सेल की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी ने कार्डधारकों से ई-केवाईसी के नाम पर उनका कार्ड नंबर, सीवीवी और एक्सपायरी डेट हासिल कर ली। कार्डधारकों के मोबाइल फोन भी उसके पास होते थे, जिससे वह आसानी से ओटीपी प्राप्त कर ट्रांजेक्शन कर लेता था। खास बात यह रही कि इस पूरे घटनाक्रम में न तो पीड़ितों के मोबाइल पर कोई संदिग्ध कॉल आई, न ही किसी ऐप को इंस्टॉल किया गया।
जांच के बाद आरोपी यांशु शर्मा को इंदौर रोड स्थित त्रिवेणी हिल्स कॉलोनी से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसने धोखाधड़ी की राशि अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के बैंक खातों में ट्रांसफर की। आरोपी ने पॉलिटेक्निक कॉलेज के इंस्ट्रक्टर, बीज निगम के अधिकारी, अस्पताल के कर्मचारी, किराना दुकान संचालक, ईंट भट्ठे के मजदूर और शासकीय कर्मचारी समेत दर्जनों लोगों के साथ ठगी की थी।
