MP में किसान न्याय यात्रा निकालेगी कांग्रेस, 20 सितंबर को ट्रैक्टर रैली कर कलेक्ट्रेट पहुंचेंगे कार्यकर्ता!

मध्य प्रदेश में सोयाबीन पीला सोने के नाम से जाना जाता है। लेकिन हाल के वर्षों में सोयाबीन की खेती घाटे का सौदा बन गई है। सरकार की गलत नीतियों के कारण सोयाबीन उत्पादक किसानों को काफी निराश होना पड़ रहा है। आलम यह है कि 12 वर्षों पहले सोयाबीन जिस भाव से बिक रहा था आज उससे भी कम भाव चल रहे हैं। इसे लेकर किसानों में भयंकर आक्रोश है और यह महाआंदोलन का रूप लेता नजर आ रहा है। अब कांग्रेस भी किसानों की इस लड़ाई में खुलकर सामने आ गई है।

मध्य प्रदेश कांग्रेस किसानों की मांग को लेकर पूरे प्रदेश में किसान न्याय यात्रा निकालने जा रही है। पटवारी ने शुक्रवार को भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 20 सितंबर को राज्यभर में ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी। कांग्रेस कार्यकर्ता और किसान ट्रैक्टरों से जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे। सोयाबीन के अलावा, गेहूं और धान की कीमत बढ़ाई जाने कि मांग और बिजली बिल वसूली का मुद्दा भी उठाया जाएगा।

कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शुक्रवार को कहा कि देश में 78% आबादी किसान हैं। मप्र एग्रीकल्चर का हब है। गेहूं, सोयाबीन और धान उत्पादन में मध्यप्रदेश अग्रणी है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने एक लाख बार कहा कि किसानों की आय दोगुनी की जाएगी। उन्होंने विधानसभा के सत्र में भी कई बार यह बात कही थी। मैंने भी इसे स्वीकार कर तारीफ की। साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बरेली में भी यही बात कही थी। हाल में शिवराज सिंह ने कृषि मंत्री बनने के बाद लोकसभा में कहा कि हमने मध्य प्रदेश में किसानों की आय दोगुनी कर दी। लेकिन किसानों से लूट, मोदी जी का दोगुनी आमदनी वाला झूठ, उजागर हो गया है।

पटवारी ने आगे कहा कि जो सरकारी एजेंसी सूचकांक को निर्धारित करती है, उसके आधार पर बता रहा हूं कि प्रदेश में किसान की आमदनी 27 रुपए प्रतिदिन है, जबकि प्रति किसान औसत कर्ज 74 हजार रुपए है। देश में 10 साल से बीजेपी की सरकार है। मप्र में 25 साल यानी पांच पंचवर्षीय योजना में केवल डेढ़ साल का पीरियड छोड़ दें, तो मध्यप्रदेश में भी भाजपा की सरकार है। देश और प्रदेश के नेताओं ने किसानों की आंखों में धूल झोंकी है, इसका उदाहरण सामने है।

पटवारी ने आगे कहा, ‘शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री रहते बीजेपी के घोषणा पत्र में 2700 गेहूं और को धान का दाम 3100 देने की बात कही थी। तीन दिन पहले सरकार की ओर से X हैंडल पर बयान सामने आया। इसमें कहा गया कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना में सोयाबीन का दाम बढ़ा कर देंगे। मध्य प्रदेश में सोयाबीन के दाम बढ़ाने की बात नहीं की गई। मप्र के साथ ऐसा अन्याय क्यों हो रहा है। क्या इसलिए महाराष्ट्र के लिए घोषणा की गई? क्योंकि, वहां चुनाव है।’