उज्जैन में आवारा कुत्ते के काटने के 20 दिन बाद युवक की मौत; इलाज के बावजूद नहीं बच सकी जान!

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उज्जैन में आवारा कुत्तों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। ताजा मामला 17 वर्षीय सोनू शर्मा की मौत का है, जिसे आवारा कुत्ते ने 20 दिन पहले काट लिया था। इस घटना के बाद उसे जिला अस्पताल, पुष्पा मिशन अस्पताल और फिर इंदौर के एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उपचार के बावजूद उसकी स्थिति बिगड़ती चली गई। आखिरकार, 6 सितंबर को उसकी मौत हो गई।

इलाज के बावजूद नहीं बच सकी जान

सोनू, जो अपने परिवार की आर्थिक मदद के लिए काम करता था, आवारा कुत्ते के हमले का शिकार हो गया था। उसके इलाज के लिए परिवार ने कई अस्पतालों में चक्कर लगाए, लेकिन डॉक्टर उसकी जान बचाने में असफल रहे। उज्जैन के गणेश नगर में इस प्रकार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। प्रशासन के पास इस समस्या का समाधान नहीं दिख रहा, क्योंकि आवारा कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और वे आम जनता पर हमला करने से नहीं चूकते।

नगर निगम का नसबंदी अभियान और खर्च

उज्जैन नगर निगम द्वारा आवारा कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण के लिए बड़े पैमाने पर नसबंदी अभियान चलाया गया है। पिछले पांच वर्षों में 15,235 कुत्तों की नसबंदी की गई, लेकिन इस अवधि में डॉग बाइट के 24,901 मामले सामने आए। कुत्तों की नसबंदी के लिए सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर चुकी है, लेकिन इसके बावजूद इन घटनाओं में कमी नहीं आ रही। एक कुत्ते की नसबंदी पर 1,200 रुपये का खर्च आता है। नसबंदी के बाद कुत्तों को फिर से उसी इलाके में छोड़ दिया जाता है, जहां से उन्हें पकड़ा गया था।

आवारा कुत्तों पर नियंत्रण जरूरी

उज्जैन में कुत्तों के हमलों की घटनाएं आम हो गई हैं, जो अब जनजीवन के लिए गंभीर खतरा बनती जा रही हैं। महाकाल के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु भी इस खतरे से अछूते नहीं हैं। प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं।