अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव कार्यक्रम; CM बोले ‘शिक्षा की परंपरा से प्रदेश और उज्जैन का बहुत पुराना नाता’

उज्जैन में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान प्रदेश के मुखिया मोहन यादव बोले, शिक्षा की परंपरा से प्रदेश और उज्जैन का बहुत पुराना नाता है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अंतराष्ट्रीय गीता महोत्सव कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा समय और प्रलय, दोनों के स्वामी, महामृत्युंजय बाबा महाकाल को मेरा दंडवत प्रणाम। मंचासीन गुरुजनों एवं साधु-संतों के समक्ष शीश नवाते हुए मैं यहां उपस्थित सभी श्रद्धालुगणों और जनता जनार्दन का हार्दिक अभिनंदन करता हूं। बाबा श्री महाकाल की नगरी उज्जैन, जो सदा से ही धार्मिक और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बिन्दु है, आज श्रीमद्भगवद्गीता के पाठ से और अधिक भव्य, दिव्य और ऊर्जामयी लग रही है।
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का मध्यप्रदेश और उज्जैन से गहरा नाता है। भगवान श्रीकृष्ण ने कंस वध के पश्चात उनके पिता को राजा बनाया व स्वयं उन्होंने उज्जैन के सांदीपनी आश्रम में आकर 64 कलाओं की शिक्षा प्राप्त की। यह बात मनुष्य के जीवन में शिक्षा के महत्व को दर्शाती है और शिक्षा की सनातन परंपरा से मध्यप्रदेश व उज्जैन का गहरा नाता जोड़ती है। महाभारत के युध्द में भगवान श्रीकृष्ण ने नारायणी सेना कौरवों को दी और स्वयं पाण्डवों के पक्ष में रहे। भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त नारायणी सेना का अनुशासन इतना श्रेष्ठ था कि उसके सैनिकों ने युध्द भूमि से पलायन नहीं किया अपितु अंत तक युध्द में डटे रहे। यह भगवान श्रीकृष्ण की अद्वितीय प्रशासनिक दक्षता का अद्भुत उदाहरण है।
