आगर मालवा में भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा करने पर बड़ी कार्रवाई; नायब तहसीलदार को डिमोट कर बनाया पटवारी!

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मध्यप्रदेशके आगर मालवा जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, यहां एक नायब तहसीलदार का डिमोशन कर उन्हें पटवारी बना दिया गया है। मध्यप्रदेश शासन के आदेश के बाद ये कार्रवाई की गई है और कलेक्टर ने नायब तहसीलदार को डिमोट कर पटवारी बनाने का आदेश जारी किया है। नायब तहसीलदार को पटवारी बनाने की इस कार्रवाई के बाद महकमे में हड़कंप मच गया है।

आगर में पदस्थ नायब तहसीलदार अरुण चंदवंशी पर ये कार्रवाई हुई है। अरुण चन्दवंशी पर अपनी शक्ति के दुरुपयोग और नियमों के खिलाफ कार्य करने के आरोप लगे थे। नायब तहसीलदार पर आरोप था कि उन्होंने ग्राम झोंटा, बीजानगरी में रहने के दौरान शासन के नियमों के खिलाफ काम किया और फर्जी आदेश जारी किए। इसके साथ ही बीजानगरी में उनके रहते बनाए गए गरीबी रेखा के राशन कार्ड में भी गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। जांच में शिकायत सही साबित हुई और इस आधार पर उन्हें अब नायब तहसीलदार से डिमोट कर पटवारी बना दिया गया है।
कलेक्टर ने जारी किया आदेश
मध्यप्रदेश शासन के द्वारा नायब तहसीलदार पर कार्रवाईओ का आदेश आगर मालवा कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह को भेजा गया था जिसमें लिखा है आगर में पदस्थ नायब तहसीलदार अरुण चन्दवंशी को शासन के नियमों के खिलाफ काम करने पर डिमोट किया जा रहा है। उनकी पटवारी के पद पर तैनाती की जाए, अब वे उज्जैन जिले में बतौर पटवारी सेवाएं देंगे। आदेश के बाद आगर कलेक्टर ने अरुण चंदवशी का उज्जैन ट्रांसफर कर दिया है।
एडवोकेट ने की थी नायब तहसीलदार की शिकायत
एडवोकेट भागीरथ देवड़ा ने नायब तहसीलदार (अब पटवारी) अरुण चंद्रवंशी के खिलाफ फरवरी 2024 में कलेक्टर, कमिश्नर, मुख्यमंत्री और लोकायुक्त से शिकायत की थी। इसमें अरुण चंद्रवंशी पर अपने पद का दुरुपयोग करने, अपनी शक्तियों से बाहर काम करने और रिश्वत मांगने समेत कई आरोप लगाकर जांच की मांग की थी।
400 लोगों के एक साल के लिए राशन कार्ड बनाए
एडवोकेट भागीरथ देवड़ा ने शिकायत में अधिकारियों को बताया था कि अरुण चंद्रवंशी ने बड़ोद तहसील की झोंटा और बीजा नगरी उप तहसील में पदस्थ रहते हुए करीब 400 लोगों के गरीबी रेखा के राशन कार्ड बनाए, जिनकी वैधता एक वर्ष के लिए रखी गई, जो कि नियम विरुद्ध है। यह फर्जी तरीके से राशन कार्ड बनाने की श्रेणी में आता है। एडवोकेट भागीरथ देवड़ा का कहना है कि देश में ऐसा कोई नियम नहीं है कि एक वर्ष की अवधि के लिए गरीबी रेखा के राशन कार्ड बनाए जाए।